१. प्रत्येक विधा से जुड़े और नवोदितों को मंच प्रदान करना।
२. कलमकारों को इंटरनेट पर वेबपेज और डीजिटल डाटा,परिचय और रचना संकलन तैयार करना।
३. वर्ष में साझा काव्य संग्रहों का प्रकाशन प्रत्येक तीन/चार माह में कराना।
४. पोस्टर कविता प्रकाशन कराना।
५. प्रत्येक रविवार को सप्ताह भर में सर्वाधिक पाठक प्राप्त रचना (कविता) का सम्मान करना
६. राष्ट्रीय पर्वों पर विशेषांक प्रकाशित करना।
८. नवोदित कलमकारों के खोज पर विशेष ध्यान देना।
९. वार्षिक कार्यशाला का आयोजन कराना।
२. कलमकारों को इंटरनेट पर वेबपेज और डीजिटल डाटा,परिचय और रचना संकलन तैयार करना।
३. वर्ष में साझा काव्य संग्रहों का प्रकाशन प्रत्येक तीन/चार माह में कराना।
४. पोस्टर कविता प्रकाशन कराना।
५. प्रत्येक रविवार को सप्ताह भर में सर्वाधिक पाठक प्राप्त रचना (कविता) का सम्मान करना
६. राष्ट्रीय पर्वों पर विशेषांक प्रकाशित करना।
८. नवोदित कलमकारों के खोज पर विशेष ध्यान देना।
९. वार्षिक कार्यशाला का आयोजन कराना।
बहुत सुंदर पहल
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ReplyDeleteGood work, your all dream come ever.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर पहल, बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया कदम।।।।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भाई पुखराज, बहुत सुन्दर ,,,,,,
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रयास
ReplyDeleteमहेन्द्र देवांगन माटी
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteबधाई ...शुभकामनाएं... आपका यह प्रयास अभिव्यक्ति के लिए सार्थक और सफल मंच होगा।
ReplyDeleteजय हो
ReplyDeleteबेहतरीन पहल प्राज जी
ReplyDeleteBehatarin prayash
ReplyDeleteआपका प्रयास निश्चित ही सराहनीय है! आपके साथ जुड़कर हमें गर्व महसूस हो रहा है! इश्वर आपको उंचाइयां प्रदान करे!
ReplyDeleteअच्छी पहल है.
ReplyDeleteआगे बड़ों विश्व में साहित्य को मिल सके नोबल
ReplyDeleteएसी ही सराहनिय पहल हर पल करो
बहुत बेहतर पहल
ReplyDeleteअति उत्तम कार्य
ReplyDeletehow to became a part of kavya sansad
ReplyDeleteआपकी रचना यहां भेज सकते हैं... लिंक ओपन करें और आपकी रचना सबमिट करें
Deletehttps://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfC3RpK2_AdeyWza14UX6PxKXl2es_3ha-I-k0IZZaAx8SrKQ/viewform
क्या मै भी इस मंच पर कविता भेज सकता हूँ
ReplyDeleteकाव्य संसद की सदस्यता कैसे ले
ReplyDeleteHow to join kavya sansad .... plz reply
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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ReplyDeleteबहुत उत्कृष्ट पहल किये आदरणीय पुखराज जी नमस्कार
ReplyDeleteसिर्फ हिंदी में रचित रचनाएं ही स्वीकार्य हैं ,
ReplyDeleteया उर्दू में लिखे शेर-ग़ज़लों के लिये भी गुंजाइश है?