Tuesday, October 27, 2020

कांकेर से नलिनी बाजपेयी की रचना- राजकीय पक्षी

रचनाकारा-नलिनी बाजपेयी
       संबलपुर,जिला-कांकेर,(छ.ग.)
      विषय:-राजकीय पक्षी
       दिनांक:-27.10.20
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    ~ @ *राजकीय पक्षी* @ ~
वन,पहाड़,दुर्गम घाटी,
बस्तर की थाती,
जहाँ राजकीय मैना  
प्यारी पाई जाती।

विलुप्त होने के कगार पर 
है पहाड़ी मैना,
बन्दूकों के अशांत माहौल से 
घबराती मैना।

ना घबराओ,ना शर्माओ, 
ना हिम्मत हारो,
राजकीय पक्षी हो 
छत्तीसगढ़ की शान बढ़ाना।

सुरीली-सुरीली धुन में 
तुम्हें नई धुन है सुनाना,
बदलते परिवेश से तुम 
बिलकुल ना घबराना।

अपनी बुलन्द आवाज में 
बस्तर के सौंदर्य को बताना,
नक्सल पीड़ित लोगों के 
शहादत को है सिर झुकाना।

सहमे-सहमे वृक्षों, डर में 
डूबे बन्दूकों का रव,
उन सबके बीच दुबकीबैठी 
मैना रानी,बन्द किए कलरव।

*व्याख्या* :- प्रस्तुत कविता में  छत्तीसगढ़ की राजकीय  पक्षी मैना के बारे में बताया गया है।बस्तर में पाएं जाने  वाली यह पक्षी विलुप्ति के कगार पर है।

     नलिनी बाजपेयी
संबलपुर,कांकेर,(छ.ग.)

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