Monday, January 20, 2025

रायपुर से नंदिनी लहेजा की रचना- गंगा स्नान

कवि- नंदिनी लहेजा 
जिला-रायपुर 
राज्य-छत्तीसगढ़ 
विषय-गंगा-स्नान  
शीर्षक-गंगा-स्नान  
विधा- कविता 
संपर्क-9926179870 

मोक्ष मिले पितरों को  उनके,
राजा भगीरथ ने किया तप महान। 
होकर प्रसन्न तपस्या से उनकी,  
विष्णुजी ने दिया उन्हें ये वरदान। 
मोक्षदायनी माँ गंगा आएंगी पृथ्वी पर ,
और होगा उनके पूर्वजों का उत्थान। 
आज्ञा दी गंगा जी को जाओ धरती पर, 
और करों धरा वासियों का कल्याण। 
तीव्र वेग था माँ गंगे का जब,
उन्होंने किया, धरा के लिए प्रस्थान। 
शिवजी ने बांधा,उनके वेग को जटा में अपनी, 
और हुआ पृथ्वी पर गंगा मैया का प्राकट्य महान। 
तब से धरा पर बहती माँ गंगे,
और बढ़ाया पृथ्वी का मान।  
जीवदायिनी,मोक्ष प्रदायनी गंगा मैया को, 
हम सब का शत नमन -प्रणाम। 
पावन माँ गंगे में स्नान के,
महत्त्व  के ज्ञान को अब जान। 
पाप कर्मों से मिलेगी मुक्ति, 
पवित्र ह्रदय से कर गंगा स्नान। 
पर हम मनुष्यों की बात निराली,
फैला गंद ,करें दूषित उनका स्थान। 
जो माँ धोये मेल हमारे तन मन के,हम 
करते उन्ही का हम अपमान। 

स्वरचित मौलिक अप्रकाशित

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