जिला++आगरा
राज्य++उत्तर प्रदेश बेटी
विषय++बेटी
शीर्षक++बेटी
बेटी
आज मेरी दीदी का आंचल महका है उनके।
आंचल मैं आज एक बेटी आई है
फूलों सी कोमल कलियां सी मुस्कान है उसकी देख
मेरा मन खुश हो गया।
दीदी के आंगन को महकाने एक एक इत्र की खूशबू आई है दीदी के आंचल में एक बेटी आई है
पापा का सीना चौड़ा हो जाता है उस दिन जिस दिन एक बेटी जो परिवार को एक सूत्र में बांधने देवी आई है। हम
बेटे भाग्य से होते हुए लेकिन बेटियां सौभाग्य से अपने पिता और परिवार का मान बढ़ाने एवं परी आई है
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