जिला :- महासमुन्द
विषय :- राजकीय पक्षी
शीर्षक :- मैना
विधा :- छंद मुक्त कविता
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श्यामल वर्ण की सुन्दर चिड़िया,
फुदक रही है घने विजन में।
सुर्ख नारंगी चोंच लिए वह,
निज नीड़ बनाती उपवन में।
छोटी है पर सर्वाहारी,
जो मिल जाए खाती है।
सदाबहार, नम पतझड़ वन में,
मधुरिम सुर संगीत सुनाती है।
नीले रंग की मोती से नित,
मैना अंडे देती हैं।
घूमें कहीं जो खुले व्योम में,
झुंडों में अक्सर रहती है।
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व्याख्या :- उपरोक्त पंक्तियों में रचनाकार ने राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना को चित्रित करने का प्रयास किया है।
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